दरभंगा के व्यवहार न्यायालय में एक नाटकीय घटनाक्रम ने सबको चौंका दिया। दो युवकों ने, जिनके नाम पवन यादव और अजय यादव हैं, असली आरोपियों की जगह नकली आत्मसमर्पण कर जमानत प्राप्त कर ली। ये दोनों एपीएम थाना क्षेत्र के निवासी थे। लहेरियासराय थाना के पुलिसकर्मी उनसे पूछताछ कर रहे हैं, जबकि असली आरोपियों राजा लाल यादव और विजय यादव को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है।
मारपीट का मामला जिसने उलटफेर किया
यह घटना 2023 में दर्ज की गई प्राथमिकी संख्या 210 से जुड़ी है, जिसमें सिरनिया गांव की हुश्न आरा, स्वर्गीय मोहम्मद अब्बास की पत्नी, ने छह लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया था। इसी मामले में विजय और राजा लाल आरोपी थे, लेकिन उनकी जगह पवन और अजय ने नाटकीय रूप से आत्मसमर्पण कर जमानत ले ली।
न्याय का धोखा और उसके पर्दाफाश
इस धोखे का पर्दाफाश हुआ जब मोहम्मद रिजवान ने न्यायालय को इस सच्चाई से अवगत कराया। उनके खुलासे ने कोर्ट में हड़कंप मचा दिया, और कोर्ट के तत्काल आदेश पर पुलिस ने पवन और अजय को गिरफ्तार किया।
न्याय प्रणाली पर उठते सवाल
थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि कोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई की गई है और पुलिस इस सिंडिकेट की जड़ तक जाने की कोशिश कर रही है। असली आरोपियों को पकड़ने के लिए एपीएम थाना को सूचित किया गया है। इस घटना ने न्याय प्रणाली की साख पर सवाल उठा दिए हैं, कि कैसे कोई इतनी आसानी से न्याय के साथ खिलवाड़ कर सकता है।
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